Saturday, March 19, 2016

जो हम पर गुजरी है, जाना तुम्हे बताये क्या...


जो हम पर गुजरी है, जाना तुम्हे बताये क्या?
ये दिल तो टूट गया है, हम भी टूट जाएं क्या?
चिराग होने की मिलती हैं ये सजाएं क्या?
बुझा के मानेगी हमको भी ये हवाएँ क्या?
हमारे चारों तरफ हादसे हुए लेकिन, हमें बचाती हैं माँ बाप की दुआएं क्या?
तुम्हारे बाद सफर में कोई मजा ना रहा, हर एक मोड़ पर सोचा की लौट जाएँ क्या?
हमारे चेहरे के दागों पर तंज करते हो, हमारे पास भी है आइना, दिखाएँ क्या?
न टीस है न कसक है न आह है दिल में, चली गयी हैं हवेली से खादिमाएं क्या?
हमें लिबास भी सादा पसंद है निकहत , जो दिल ही बुझ गया, बाहर से जगमगाएँ क्या?

Beautiful lines from Dr. Naseem Nikhat..

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