Tuesday, December 28, 2021

मां का पल्लू

गुरुजी ने कहा कि "मां के पल्लू"

पर निबन्ध लिखो..

तो लिखने वाले छात्र ने क्या खूब लिखा
     
       आदरणीय गुरुजी जी...
 
   माँ के पल्लू का सिद्धाँत माँ को गरिमामयी
 छवि प्रदान करने के लिए था.

  इसके साथ ही ... यह गरम बर्तन को 
   चूल्हा से हटाते समय गरम बर्तन को 
      पकड़ने के काम भी आता था.

        पल्लू की बात ही निराली थी.
           पल्लू पर तो बहुत कुछ
              लिखा जा सकता है.

 पल्लू ... बच्चों का पसीना, आँसू पोंछने, 
   गंदे कान, मुँह की सफाई के लिए भी 
          इस्तेमाल किया जाता था.

   माँ इसको अपना हाथ पोंछने के लिए
           तौलिया के रूप में भी
           इस्तेमाल कर लेती थी.

         खाना खाने के बाद 
     पल्लू से मुँह साफ करने का 
      अपना ही आनंद होता था.

      कभी आँख में दर्द होने पर ...
    माँ अपने पल्लू को गोल बनाकर, 
      फूँक मारकर, गरम करके 
        आँख में लगा देतीं थी,
   दर्द उसी समय गायब हो जाता था.

माँ की गोद में सोने वाले बच्चों के लिए 
   उसकी गोद गद्दा और उसका पल्लू
        चादर का काम करता था.

     जब भी कोई अंजान घर पर आता,
           तो बच्चा उसको 
  माँ के पल्लू की ओट ले कर देखता था.

   जब भी बच्चे को किसी बात पर 
    शर्म आती, वो पल्लू से अपना 
     मुँह ढक कर छुप जाता था.

    जब बच्चों को बाहर जाना होता,
          तब 'माँ का पल्लू' 
   एक मार्गदर्शक का काम करता था.

     जब तक बच्चे ने हाथ में पल्लू 
   थाम रखा होता, तो सारी कायनात
        उसकी मुट्ठी में होती थी.

       जब मौसम ठंडा होता था ...
  माँ उसको अपने चारों ओर लपेट कर 
    ठंड से बचाने की कोशिश करती.
          और, जब वारिश होती,
      माँ अपने पल्लू में ढाँक लेती.

  पल्लू --> एप्रन का काम भी करता था.
  माँ इसको हाथ तौलिया के रूप में भी 
           इस्तेमाल कर लेती थी.

 पल्लू का उपयोग पेड़ों से गिरने वाले 
  जामुन और मीठे सुगंधित फूलों को
     लाने के लिए किया जाता था.

     पल्लू में धान, दान, प्रसाद भी 
       संकलित किया जाता था.

       पल्लू घर में रखे समान से 
 धूल हटाने में भी बहुत सहायक होता था.

      कभी कोई वस्तु खो जाए, तो
    एकदम से पल्लू में गांठ लगाकर 
          निश्चिंत हो जाना , कि 
             जल्द मिल जाएगी.

       पल्लू में गाँठ लगा कर माँ 
      एक चलता फिरता बैंक या 
     तिजोरी रखती थी, और अगर
  सब कुछ ठीक रहा, तो कभी-कभी
 उस बैंक से कुछ पैसे भी मिल जाते थे.

       मुझे नहीं लगता, कि विज्ञान पल्लू का विकल्प ढूँढ पाया है.

पल्लू कुछ और नहीं, बल्कि
एक जादुई एहसास है. 

     सस्नेह संबंध रखने वाले अपनी माँ के इस प्यार और स्नेह को हमेशा महसूस करते हैं, जो कि आज की पीढ़ियों की समझ आता है कि नहीं पता नहीं।
🙏🙏🙏🙏🙏

इन्टरनेट से सधन्यवाद। 

Wednesday, December 22, 2021

मेरा जादुई घर

"एक दिन एक लेखक की पत्नी ने उससे कहा कि तुम बहुत किताबें लिखते हो, तो आज मेरे लिए कुछ लिखो और फिर मुझे विश्वास होगा कि तुम सच में एक अच्छे लेखक हो." ..

 यहाँ लेखक ने क्या लिखा है:

 *"मेरा जादुई घर"*

 *मैं, मेरी पत्नी और हमारे बच्चे, एक जादुई घर में रहते हैं..*.

 हम अपने गंदे कपड़े उतार देते हैं, जिन्हें अगले दिन साफ ​​कर दिया जाता है।

 हम स्कूल और ऑफिस से आते ही अपने जूते उतार देते हैं। फिर अगली सुबह हम साफ-सुथरे पॉलिश वाले जूते पहनते हैं...

 हर रात कूड़े की टोकरी कचरे से भरी होती है और अगली सुबह खाली हो जाती है।

 मेरे जादुई घर में, खेलते समय बच्चों के कपड़ों से बदबू आती है, लेकिन अगले ही पल वे साफ हो जाते हैं ... और उनके खेल उपकरण जल्दी से अपने बक्से में फिर से व्यवस्थित हो जाते हैं।

 मेरे जादुई घर में हर दिन मेरे और मेरे बच्चों के लिए पसंदीदा खाना बनता है...

 मेरे जादुई घर में, आप सुन सकते हैं "माँ, मम्मी मम्मा हर दिन लगभग सौ बार पुकारा जाता है ...
 मम्मा नेल क्लिपर कहाँ है...?
 माँ, मेरा गृहकार्य पूरा करो...
 मम्मा, भाई मुझे पीट रहा है...
 
 मम्मा, आज मेरा स्कूल लंच बॉक्स बनाना मत भूलना।
 माँ आज ही हलवा पूङी बनाओ
 माँ, मुझे आज चींटी नहीं मिल रही है। वह यहां रोज एक लाइन में चलती है
 माँ मेरे लिए एक सैंडविच बनाओ...मुझे भूख लगी है
 माँ मुझे वॉशरूम जाना है...
 मम्मा, मुझे पहले भूख लगी थी... अभी नहीं रात को सोने से पहले जो आखिरी शब्द सुना वो है "माँ" और सबसे पहला शब्द सुना है "माँ" जब मैं सुबह अपने जादुई घर में उठता हूँ ...

 बेशक, इस जादुई घर की ओर अब तक कोई भी आकर्षित नहीं हुआ है। हालांकि सभी के पास यह जादुई घर है ...
 और शायद ही कभी किसी ने इस घर के जादूगर का धन्यवाद किया होगा

 इन जादुई घरों का जादूगर कोई और नहीं बल्कि हर पत्नी और मां है। जो अपने ही घरों में करते हैं ऐसा जादू...

 भगवान हर उस पत्नी और मां को आशीर्वाद दें, जिनके धैर्य और अनंत कर्म हर घर में समृद्धि लाते हैं।
 
*🙏🙏 सभी माताओं, पत्नियों, बेटियों और बहनों को समर्पित।। ❤❤️*

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