Sunday, March 6, 2016

वो नहीं मेरा मगर उससे मोहब्बत है तो है

वो नहीं मेरा मगर उससे मोहब्बत है तो है,
ये अगर रस्मों रिवाजों से बगावत है तो है,
सच को मैने सच कहा जब कह दिया तो कह दिया,
अब जमाने की नजर में ये हिमकत है तो है,
जल गया परवाना गर तो क्या खता है शम्मा की,
रात भर जलना जलाना उसकी किस्मत है तो है,
दोस्त बन कर दुश्मनों सा वो सताता है मुझे,
फिर भी उस जालिम पर मरना अपनी फितरत है तो है,
दुर थे और दुर है हरदम जमीन ओ आसमान,
दुरियो के बाद भी दोनो मे कुर्बत(समीपता) है तो है,
वो नही मेरा मगर उससे मोहब्बत है तो है,

Beautiful Ghazals from Dipti Mishra(Madhwan's mother in Tanu weds Manu)...

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