कौन आएगा यहाँ, कोई ना आया होगा,
मेरा दरवाज़ा हवाओं ने हिलाया होगा.
दिल-ए-नादाँ ना धड़क, ए दिल-ए-नादाँ ना धड़क,
कोई ख़त ले के पडौसी के घर आया होगा.
गुल से लिपटी हुई तितली को गिराकर देखो,
आँधियों तुमने दरख्तों को गिराया होगा.
"कैफ़" परदेस में मत याद करो अपना मकान,
अबके बारिश ने उसे तोड़ गिराया होगा.
मेरा दरवाज़ा हवाओं ने हिलाया होगा.
दिल-ए-नादाँ ना धड़क, ए दिल-ए-नादाँ ना धड़क,
कोई ख़त ले के पडौसी के घर आया होगा.
गुल से लिपटी हुई तितली को गिराकर देखो,
आँधियों तुमने दरख्तों को गिराया होगा.
"कैफ़" परदेस में मत याद करो अपना मकान,
अबके बारिश ने उसे तोड़ गिराया होगा.
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